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एक छोटा सा धार्मिक परिचय।

 भारत ही एक ऐसा देश है जहां सभी धर्म के व्यक्ति तथाकथित आपस में मिल जुल कर रहते हैं। सभी धर्मों की अपनी-अपनी मान्यताएं होती है, जो धार्मिक मान्यताएं कहलाती है। भारत में इन्हीं सभी धर्मों में एक धर्म है "हिंदू"। इस धर्म का शुरुआती नाम'सनातन' धर्म है। इस धर्म का दबदबा देश के आजादी से कुछ पहले से ही पूरे भारतवर्ष में रहा है। कारण यह कि इस धर्म की जनसंख्या भारत में सर्वाधिक है। भारत के हर एक तंत्र में इस धर्म का लगभग दबदबा होता है। इस धर्म में भी अन्य धर्म के तरह ही कई जाति होती है। आता है या धर्म भी विभिन्न प्रकार के जातियों के समूह से बना है ऐसा कहा जा सकता है। वैसे तो पूरे विश्व भर में सबसे पहले से ही धर्म का उत्थान हुआ था इतिहासकारों द्वारा या तर्क दिया जाता है कि इस धर्म का उत्थान आज से लगभग 5000 से पूर्व ही हो चुका था। अर्थात इंग्लैंड के राष्ट्रधर्म 'ईसाई' धर्म के उत्थान से लगभग 3000 वर्ष ईसवी पूर्व ही इस धर्म का उत्थान 'सनातन' धर्म के नाम से हुआ था। विश्व प्रसिद्ध 'बौद्ध धर्म' भी इसी धर्म का एक अभिन्न अंग वाला धर्म है जिसका संस्थापक स्वयं 'महात्मा बुद्ध' है।


                                सनातन यानी हिंदू धर्म का उत्थान चार वर्णों के साथ हुआ था। धर्म की स्थापना के समय इन वनों का नाम कुछ इस प्रकार से रखा गया था:-

ब्राह्मण:- जो उच्च दर्जे का व्यक्ति थे। जो शिक्षा बांटने योग्य थे।

क्षत्रिय:- जिसके हाथ में शासन का बागडोर था। जो अन्य तीन वर्णों पर शासन करता था।

वैश्या:- जो व्यापार से संबंधित कार्य करते थे।

शूद्र:- जो इन तीनों वर्णों से हर एक प्रकार से निम्न माने जाते थे।

तत्कालीन समय के लिए यह वर्ण व्यवस्था अच्छा साबित हुआ। लेकिन कुछ ही समय के पश्चात इस वर्ण व्यवस्था का दुष्परिणाम दिखने लगे।

आज के समय में भी इस धर्म में कहीं ना कहीं इस बात पर विशेष तरह से गौर करके उसी तंत्र को माना जा रहा है।

                               उस समय के शुद्ध श्रेणी (वर्ण) में आने वाले व्यक्ति के साथ आज के इस दौर में भी छुआछूत के रूप में घृणा की जाती है। घृणा उस चरम सीमा पर नहीं है जो उस समय था। लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं यह देखने को जरूर मिलता है। जो बिल्कुल गलत है। आज के समय में इस धर्म के विभिन्न प्रकार की कुरीतियों को बहुत से व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है। इस धर्म के लगभग 70% आबादी अभी भी इतने अंधविश्वास में पड़े हुए हैं कि उन्हें हॉस्पिटल से ज्यादा महत्वपूर्ण मंदिर दिखता है।

                                    आज के समय में कोई भी राष्ट्र नेता आज के समय में कोई भी राष्ट्र नेता को इस धर्म से अधिकाधिक वोट चाहिए तो वह बस यह बोल दे कि अबकी बार अगर उसकी सरकार बनी तो हर एक चौराहा पर एक हिंदू धार्मिक मंदिर बनवा दूंगा।

ऐसा कहके वादा करने से 100% इस धर्म से उसको 70% वोट आने का 100% चांस रहता है।और इस कार्य में SC, ST & OBC सबसे बड़ा हाथ होता है। ब्राह्मण श्रेणी में आने वाले व्यक्ति, नेताओं के इस जाल में नहीं आता है जबकि इस धर्म का ठेकेदार भी वही लोग हैं।

यह था मेरा बहुत छोटा सा इस महान हिंदू धर्म का परिचय अगर अच्छा लगे या बुरा लगे तो अपने दोस्तों के साथ इस आर्टिकल को जरुर शेयर करें। ताकि वह भी अच्छे बुरे का अनुभव कर सकें और अपने अनुभव को नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

धन्यवाद!

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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